Saturday 18 August 2018

BAL GEET LYRICS & VIDEOS

आईये  ! पहले इस गीत  का आनन्द लें  ; इसके बाद  "बाल चरित्र  - निर्माण  " में   गीतों के महत्व  को  जानने  का  प्रयास  स्वयं  दुर्गम  से सुगम  हो जायेगा  I
 क्यों कि : - 

दुर्गम काज जगत के जेते  I
सुगम अनुग्रह  तुम्हरे तेते  II 

गीत तेरे साज़ का , 
तेरी ही आवाज़ हूँ I
तूँ भी मेरा साथी बन जा , 
मैं तेरी हमराज हूँ II


http://www.coversong.info/view/mp3/geet-tere-saaz-ka-teri-hi-awaaz-hoon-inteqaam.html



तुम्ही हो माता , पिता तुम्ही हो I
तुम्ही हो बंधू  , सखा तुम्ही हो II

https://www.youtube.com/watch?v=GJ





                                                      A TINY TRIBUTE TO RETIRED & EMERITUS PROFESSOR OF LIBRARY & INFORMATION SCIENCE BANARAS HINDU UNIVERSITY VARANASI - 221005 IN THE MIDDLE ALONG WITH GURUMATA AND GRAND SONS .


प्रिय पाठकों ! 
संयोगवश  आज  मंगलवार है  , सर्व प्रथम हम भक्त शिरोमणि  संकटमोचक श्री  हनुमान जी को  प्रणाम कर ; जिनका जन्म मंगलवार  को हुआ था  एवम् प्रथम पूज्य  प्रथमेश  को  ह्रदय में धारण कर  " बाल गीत " ब्लॉग का श्री गणेश  कर  रहे हैं  .  निःसंदेह ! ये  मनोरन्जक  , ज्ञानवर्धक एवम्  प्रेरणादायक " बाल  - गीत  " हमारे  आज  के नौनिहालों  एवम्  कल  के  सुयोग्य राष्ट्र  निर्माताओं  का  निर्माण करेंगी .

हमारे पूर्वजों  का  यह  सत्य विश्वास  रहा है  कि  " साहित्य  , संगीत  एवम्  विविध कलाओं  में  इतनी  चमत्कारी  - शक्ति   है की  इनके पठन , श्रवण  एवम्  दर्शन  मात्र से ही प्राणियों  में  मनोरन्जन , ज्ञान  व  प्रेरणा का संचार होता है ; जिससे उनका सांसारिक  जीवन  नैतिकता  का स्वयम एक सजीव  उदहारण  बन जाता है  . 

जिनके अनुकरण मात्र  से  ही  प्राणी मात्र का सर्वांगीण  विकास  होता  होता है  . 

तो लीजिये प्रस्तुत  है  :

 "हे प्रभू ! आनन्द दाता  ! ज्ञान  हमनी ( हमको ) के मिले (दीजिये ) I
दूर हो हर  एक  बुराई , साँच ( सत्य ) के  रहिया (रास्ते ) मिले  II  

इस गीत के दर्शन एवम् श्रवण के लिये  नीचे दिए गए सुनहरे लिंक  को क्लिक करने  की अनुकम्पा  करें  I
हे प्रभु ! आनन्द दाता , ज्ञान हमनी के मिले I
https://www.youtube.com/watch?v=h0xuI-z4roI

पैदा होते ही मनुष्य  1. माता , 2. पिता  3. गुरू  इन तीन ऋणों से युक्त  रहता   है  . 
इन सभी ऋणों मुक्ति  तभी मिल  सकती है  , जब हम  अपने  माता - पिता , गुरुओं  , बड़े -बूढ़ों की  निःस्वार्थ सेवा , कनिष्ठों  से प्रेम एवम्  निर्बाध विद्यादान  करें  I

इस गीत के दर्शन एवम् श्रवण के लिये  नीचे दिए गए सुनहरे लिंक  को क्लिक करने  की अनुकम्पा  करें  I

जो बोयेगा वही पयेगा , तेरा किया आगे आयेगा II


APN SETTINGS FOR ANDROID

      APN SETTINGS FOR ANDROID    DEAR  READERS ! DO YOU WANT TO SAVE YOUR DATA PACKAGE FOR YOUR   ANDROID MOBILES ? DO YOU W...